Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -17-Apr-2022 - मित्र


मित्रो, मित्रता की मिसाल बनो,
मित्र के सुखों की ढाल बनो ।
देनी पड़े जान भी अगर ,
उससे न तुम पीछे हटो।
दुख सारे बांटों मित्र के,
सुखों का कारण बनो।
मुस्कान आए चेहरे पर देखकर,
वाणी से आफताब बनो।
मित्र तो चाहे तेरा साथ ,
हरदम उसके हमराज बनो।
निशान मिले मित्रता के प्राचीन काल से ,
आधुनिकता ने दी उस पर मिट्टी डाल।
भूल के सारे बंधन यार,
मित्रता की सौगात बनो।
मित्र प्यारा तभी मिलेगा ,
पांव धरा पर जब धरेगा।
गुरुर को तुम अपने तोड़,
मित्रता की शान बनो।
ऊंच - नीच, जात-पात का भेद न हो,
खून का भी इसमें रिश्ता न हो।
एहसास प्रेम का जगमगाता रहे,
मित्रता से जहां को रोशन कर दो।
मित्रों का मन होता निश्चल पावन,
दिल से प्यार का उनके बरसता सावन ।
तन मन धन सब न्यौछावर कर दो,
मित्रता को मिलकर आबाद कर दो ।
कान्हा से सुदामा की दोस्ती की मिसाल,
ईश्वर ने भी पूछा था रंक का हाल।
प्रभु भी मिल जाएंगे तुझको प्यारे ,
गर मित्र सीप में मोती सा चुन लो।।


प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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10 Comments

Shrishti pandey

18-Apr-2022 02:37 PM

Nice

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Punam verma

18-Apr-2022 09:08 AM

Nice

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Abhinav ji

18-Apr-2022 08:45 AM

Very nice👍

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